ढपोलशंख ....."शंख" हो गये... हम.!
लाउडिस्पीकर का "शोर" हो गये....????
हमनें की है एम . ए./बी. ए.....!
फिर भी बर्तन धोने मजबूर हो गये...?
और वो अनपढ़/गँवार/अँगुठा/ छाप है ..!
लेकिन फिर भी कुर्सी पर "सिरमौर" हो गये..?
शेरो ने ललकारा लेकिन...........!
कबाब/दारू /होंट/ नोंट / से वोट हो गये..?
पश्चिम से लहराती/बलखाती आई इक "हया".
सारे लैला-मजनु उस ओर हो गये.......?
हमने पुछा ये क्या भाई..? तो वो बोले ...!
हिन्द की "ओड़नी" से हम बोर हो गये...?
अब कैसे-कैसे दिन देखने मिल रहें हैं...!
वो हमारे घर आये और गदर करके चले गये..?
अब देश की रक्षा के लिए शायद.........
कोई "सरफरोशी" नहीं .........?
देखो..! देखो...!! देखो.......!!!
वो मेरी बातें सुन...!!!!!
टाँग पसार के......!! चादर तान के .......!!
और सो गये ............?
ढपोलशंख ...."शंख" हो गये...हम ..!
लाउडिस्पीकर का "शोर" हो गये.....???
~~~~~~>> मनीष कुमार गौतम "मनु"
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