शनिवार, 1 अक्तूबर 2016

शेर दिल मोदी ~

मै  निकल  पड़ा  हूँ  उस  पथ  पर ,
जिस  पथ  शोले  उगलते  अँगारे है ॥

पर लिए हौसला बुलंदियाँ छुने  का,
अब मुझे बढ़ते रहना है हर हालो मे ॥

भूख-गरीबी  दरिद्रता  से  पेंच  लड़ा,
अब लड़ने चला हूँ उन्ही गलियारो मे ॥

पद  लोलुप्ता  का  मोह  नहीं  मन  मे,
नेकी करने चला हूँ  हर  घर-द्वारे मे ॥

गरीब किसान का भविष्य हो उज्जवल,
भारत को मंडने चला खेत-खलिहानों में ॥

दिखे  शेर  सा  और  सुन्दर हो  मोर सा,
भारत विकसित  हो चला   हर भागों में  ॥

दुश्मन गर अब आँखें मिला कर  के देखे,
दम रखता अपने छत्तीस इंच के सीने में ॥
!!!! जय हिन्द*!!!! वन्दे मातरम् *!!!!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
दिनांक ०१/१०/२०१६