शनिवार, 1 अक्तूबर 2016

शेर दिल मोदी ~

मै  निकल  पड़ा  हूँ  उस  पथ  पर ,
जिस  पथ  शोले  उगलते  अँगारे है ॥

पर लिए हौसला बुलंदियाँ छुने  का,
अब मुझे बढ़ते रहना है हर हालो मे ॥

भूख-गरीबी  दरिद्रता  से  पेंच  लड़ा,
अब लड़ने चला हूँ उन्ही गलियारो मे ॥

पद  लोलुप्ता  का  मोह  नहीं  मन  मे,
नेकी करने चला हूँ  हर  घर-द्वारे मे ॥

गरीब किसान का भविष्य हो उज्जवल,
भारत को मंडने चला खेत-खलिहानों में ॥

दिखे  शेर  सा  और  सुन्दर हो  मोर सा,
भारत विकसित  हो चला   हर भागों में  ॥

दुश्मन गर अब आँखें मिला कर  के देखे,
दम रखता अपने छत्तीस इंच के सीने में ॥
!!!! जय हिन्द*!!!! वन्दे मातरम् *!!!!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
दिनांक ०१/१०/२०१६

सोमवार, 26 सितंबर 2016

मच्छर चालीसा

जय  मच्छर बलवान  उजागर ।
जय  अगणित रोगों   के सागर॥

नगर  दूत अतुलित  बल धामा ।
तुमको  जीत  ना   पाये  रामा ॥

गुप्त  रूप  घर  तुम  आ  जाते ।
भीम  रूप  धर  तुम खा  जाते ॥

मधुर-मधुर  खुजलाहट   लाते ।
सबकी    देह  लाल  कर  जात ॥

वैध - हकीम  के  तुम  रखवारे ।
घर-घर  में  वो तुम  रहने वाले ॥

मलेरिया  के   तुम   हो   दाता  ।
तुम खटमल के  हो छोटेभ्राता ॥

नाम   तुम्हारे  सब  बाजे डंका ।
तुमको कहीं न काल की  शंका ॥

मंदिर-मस्जिद और  गुरुद्वारा ।
घर-घर में हो  परचम  तुम्हारा ॥

सब जगह  तुम  अनादर   पाते ।
बिना  इजाजत  के  घुस  जाते ॥

कोई   जगह   ऐसी  न   छोड़ी ।
जहां रिश्तेदारी तुमने न जोड़ी ॥

जग,जनता तुम्हें खूब  पहिचाने ।
नगर  पालिका भी  लोहा माने ॥

डरकर  तुमको यह  वर  दीना ।
जब  तक चाहो सो तुम जीना ॥

भेद-भाव  तुमको  नहीं   आवे ।
प्रेम  तुम्हारा  सब कोई  पावे ॥

रूप-कुरूप  न तुमको जाना ।
छोटा - बड़ा न  तुमने  माना ॥

सावन  पड़न  न  सोवन देते  ।
तुम दुख देते सबसुख हर लेते ॥

भिंनभिंन जब तुम राग सुनाते ।
ढ़ोलक  पेटी तक शर्मा जाते  ॥

बाद  में  रोग  मिले बहु  पीड़ा ।
जगत   निरंतर मच्छर कीड़ा ॥

जो    मच्छर  चालीसा  गावे  ।
सब  दुख  मिले रोग सब पाये ॥
       ~~~~~>संकलित

रविवार, 25 सितंबर 2016

आजाद जीवन की मुस्कान

ये   मुस्कुराती  जिन्दगी  ।
और  चाहते    बेपनाह  है ॥

दिल      ज़िन्दादिल      है ।
दर्द के लिए समय कहाँ है ॥

जिन्दगी  यूँ ही गुजर जाती ।
धरती मेराघर छत आसमांहै॥

अब   कल की  किसे खबर ।
जीना कहाँ  मरना  कहाँ  हैं ॥

~~~~>मनीष गौतम 'मनु'

सुप्रभात मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो....

मंगलवार, 20 सितंबर 2016

हमें अच्छे काम करते रहना चाहिए ।चाहे लोग तारीफ करें या न करें ।आधी से ज्यादा दुनियाँ सोती रहती है ।फिर भी सूरज उगता है । मुस्कुराते रहिए ॥
सुप्रभात मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ।

शनिवार, 17 सितंबर 2016

दूरदर्शिता और नि:स्वार्थ कुशल नेतृत्व । के सामने कोई टिक नहीं सकता । बस सफलताएँ कदम चूमती हैं ।
~~~~मनीष गौतम 'मनु'
शुभ संध्या मित्रों
आने वाला पल और कल मंगलमयी हो...

शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

लालच~

लालच बुरी बलाय-
और बिल्ली नौ दो ग्यारह हो गयी ;

मित्रों ये दृश्य मेरे गाँव का है । जहाँ एक जंगली लालची बिल्ली,दूध के डिब्बे में अपना सिरफंसा बैठी और निकलने की जद्दोजहद में इधर-उधर उछलती-कूदती कभी जोर से गिरती कभी टकरा जाती । उसकी घबराहट, झटपटाहट दर्दनाक थी ।बहुत कोशिश के बाद भी वह निकल न सकी ।अंत में हताश और निढाल हो कर  एक स्थान पर लुढ़क गई ।

बिल्ली की दयनीय दशा देख मेरे पड़ोसी  ने हिम्मत और समझदारी से बिल्ली को विपत्ति से निजात दिलाया । और डिब्बे से छुटकारा मिलते ही बिल्ली नौ दो ग्यारह हो गयी ।

मित्रों इस घटना का विडियो मैने अपने मोबाइल से कल बनाया था ।
खैर ,बिल्ली तो बिल्ली ठहरी।मगर हम इन्सानों को बहुत बड़ा संदेश और सबक दे गयी ।

सुप्रभात मित्रों -
आने वाला पल और कल मंगलमयी हो ..

मंगलवार, 13 सितंबर 2016

अबला ,बकरे की अम्मा ~

यारो अभी-अभी  एक  ब्रेकिंग न्युज  आई  है !
बकरे     की    अम्मा   ने   यह   कहते    हुये ॥

जनहित     याचिका  लगाई   है - लोगों   की ।
खुशी   में   मेरे  परिवार की  बली दी  जाती है ॥

अरे     खुद    को     इन्सान    कहने    वालों ।
हम    निरापद ,  मूक ,  अबला, कामधेनु   पर ॥

ये    कैसी    इनसानियत   दिखाई   जाती  है ।
खुद    की   खुशी  में  अपने परिवार के  साथ ॥

मेरे    परिवार    की  'डल्ली'  उड़ाई  जाती  है ।
इतना   ही   नहीं   आदमी करे बुरा  काम  पर ॥

'उपमा'   हमारे   जनावर  जाति  की  लगाकर ।
गालियाँ देकर हमारी  खिल्ली उड़ाई जाती  है ॥

रे-मानव तीस-मार-खाँ होंगा तू -अरे तू   तो ।
अत्याचारी,अत्याचार सहने वाला अपराधी है ॥

सभ्यता का चोला ओड़ इनसानियत को दाग ।
लगाने वाला तू  'धर्मिष्ट' नहीं'  तू  अधर्मी  है ॥

तेरी   धर्मनिरपेक्षता,  धर्मपरायणता,   आस्था ।
सामाजिकता,राजनैतिकता  शुद्ध नहीं भ्रष्ट है ॥

जब-जब  ज्यादाती करोगे जलजला  आयेगा  ।
तेरे  जहाँ   की,  शान-ए-शौकत को  मिट्टी में ॥

मिला जायेगा  और तू हाथ मलता रह जायेगा ।
खुद को   इन्सान कहने  वाले  मानव  सुधरो ।

मुझे  आँखें  दिखा रहे हो  अब कान  खोलकर ॥
सुन   लो    पृथ्वी   पर  तू   तो  कलंकित   है  ।

अरे,अपनी आँखें फाड-फाड़कर  पढ़ लेना-ये  ।
वाकिया स्वर्ण अक्षरों से इतिहास में अंकित है ॥

बलि पर चड़े-
      ~~> बकरे की अबला अम्मा की व्यथा ॥।

पैरवीकर्ता -
                ~~~~> मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक -१२/०९२०१६
सुप्रभात मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो...!


सोमवार, 12 सितंबर 2016

हे...! राधे बावरी...!

जय    जय   जय   जय    हे.....!   राधारानी  ।
बनठन  कर   कहाँ चल दी हो किशन दिवानी ॥

नहीं   बताओगी   तुम  तो   हो   बहुत  सयानी ।
मैं   भी   तो  जानत  हूँ   तुमरे  मन  की  बानी ॥

आ     जाये     चाहे  जो  कुछ    भी    अड़चन ।
अब  हो   के  रहेगा  मनमोहन   से   आलिंगन ॥

पर  नयनाभिराम पिया की  राह  देखत-देखत ।
प्रेम   प्यास  और बड़ी   तुम बन गई हो चातक ॥

तनिक  देखो  कैसी  पथरा  सी  गई   है  आँखें ।
करने    केवल   प्रिय   मन-मोहन   के   दर्शन ॥

तुम  मृगतृष्णा काया सी  हो   गयी  हो  बावरी ।
और भटक  ही  हो  कस्तूरी मृग  बन वन-वन ॥

राधेरानी  ढ़ूंढ़ रही  हो  मनमोहन  को वनवन ।
या    करने  चली   हो  मनमोहन  से  अनबन ॥

मोहन की चाह में  रे 'मनु' तू कभी न भटकना ।
ता   मन   खोज  ले   मिल  जायेंगे मनमोहना ॥

जै  जै  श्रीकृष्णा मन की मिटा दे सारी तृष्णा ॥।
                            ~~~>मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक - १२/०९/२०१६

शुभ संध्या मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ..

हे ! राधा बावरी ...!

जय   जय   जय  हे..! किशन दिवानी ।
सज-धज  किधर  चल  दी  राधारानी ॥

मत  बताओ  तु म  हो   बहुत   सयानी ।
मैं   तो   जानत  हूँ  तेरे  मन  की बानी ॥

अब   आ   जाये   कुछ   भी   अड़चन ।
हो   के    रहेगा  मोहन  से    आलिंगन ॥

नयनाभिराम     राह     देखत - देखत ।
प्रेमप्यास   बड़ी  बन   गई  हो  चातक ॥

कैसी     पथरा    सी    गई    है  आँखें ।
देखो    करने   मनमोहन     के   दर्शन ॥

मृगतृष्णा   सी   हो    गयी   है   बावरी ।
कस्तूरी  मृग बन अब भटके  वन  वन ॥

राधेरानी ढ़ूंढ़ रही है  मोहन को वनवन ।
या करने चली है मनमोहन से  अनबन ॥

मोहन की चाहमें रे 'मनु ' तू न भटकना ।
तामन खोज ले मिल जायेंगे मनमोहना ॥

जैजै श्रीकृष्णा मन की मिटा दे सारी तृष्णा ॥

~~~~~~>मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक - १२/०९/२०१६
शुभ संध्या मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ..

गुरुवार, 8 सितंबर 2016

प्रातः वंदना~

नमन*नमन*नमन

इस धरती से उस नीले अम्बर  तक 

आंगन  से  बागों की  फुलवारी  तक

खेतों की लहलहाती हरियाली   तक

बुड़ों  से  बच्चो की किलकारी   तक

मंदिर  से  मस्जिद की मीनारों   तक

रिश्तेदारों की प्यारी रिश्तेदारी तक

दुनियाँ  की सारी  दुनियादारी   तक

सभी   धर्मों    के  धर्माधिकारी  तक

कश्मीर   से     कन्याकुमारी     तक

             रहे ;~

Ω अमन Ω चमन Ω अमन Ω चमन Ω
~~~~>मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक -०८/०९/२०१६

सुप्रभात मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ।

मंगलवार, 6 सितंबर 2016

जिन्दगी दर्द बनते जा रही ~

रिश्तों    के   बिच    अब   सिलवटें।

दुर्भावना     अब    बड़ते  जा   रही ॥

संकीर्ण मानसिकता के आधार तले ।

दृष्टिकोण,दूरदर्शिता,दृष्टिदोष  हुईं ॥

संबंधों  में  भी  अब  खुदगर्जी   पन ।   

आशाएँ   अपेक्षाएँ    ही    सर्वोपरी ॥     

किसी     अपेक्षा  की   उपेक्षा   से  ।   

अपनों  में  ही वैमनस्यता दिख रही ॥      

न  दिन  को  चैन  न   रात   सुकून ।            

हर पल   अब  अधिकार  की  पड़ी ॥  

'हम'  नहीं अब 'मैं' की हुई  भावना ।

इनसानियत   विखंडित    हो   रही ॥        

'मै'  नहीं  'हम' से समाज   बना   है ।

जिना    है   तो  समाज  को   बना ॥   

'हम'   जिन्दा हैं  समाज  के  सहारे ।           

जिन्दा    नहीं    हम   समाज बिना ॥

एकल   नहीं  हम  संयुक्त   बनकर ।           

हर    मुश्किल   को   आसान  करें ॥

जो जिन्दगी दर्द में डूबी  दिखती  है । 

उस  जिन्दगी  को उदीयमान  करें ॥              

दर्द  कहीं नहीं दिल ही  तो  बेदर्द  है ।

इसीलिये  जिवन में  दर्दे  ही दर्द  है ॥

       ~~~~~>मनीष गौतम 'मनु'

दिनांक -०७/०९/२०१६
शुभ संध्या मित्रों ~
आनेवाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो।


विनायक से विनय ~

हे   बुद्धि  के  दाता  विघ्न  विनाशक
ज्ञान   हम  सब   जनों   को   दीजिए

कश्मीर    से     कन्याकुमारी    तक
गोवा  से    बंगाल   की   खाड़ी  तक

भारत एक  है और एक ही रहेगा ऐसा
दुनियाँ  को   कहने  लगा  ही  दीजिए

अभिव्यक्ति   की  स्वतंत्रता  से  नीत
कश्मीर   पर   बड़बोलापन   हो  रहा

कश्मीर  रोज रो रहा आतंक नाच रहा
आतंक को अपना तांडव दिखा दीजिए

बुद्धि के  दाता  हे  गजानन हे गणपति
अब  मेरी  अरजी  स्विकार  कीजिए ॥

॥गौरीलाल  गणेश  भगवान  की जय ॥
       ~~~~~>मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक -०७/०९/२०१६

सुप्रभात मित्रों ~
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो 

सोमवार, 5 सितंबर 2016

संयोग/सौभाग्य /समर्पण

गुरु गोविन्द  दोउ खड़े, काके लागू पाय  ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय ॥

मित्रों संयोग से  शिक्षक दिवस और गणेशचतुर्थी । का महान पर्व आज एक ही दिन आया है । मित्रों दोनों पर्वो के विषय में हम कुछ खास -खास बातें जानते ही है ।

आईये हम दोनों पर्व की बतायीं गई भावनाओं को आत्मसात करें  और अपने और अपने परिवार के साथ संस्कृति और देश-समाज का भविष्य उज्जवल करने अपना योगदान देवें ।

क्योंकि हमसे मिलकर समाज बना है ।मगर हम जिन्दा है समाज के सहारे यदि हमें जिन्दा रहना है तो हमें समाज को जिन्दा रखना होंगा वर्ना । मनुष्यों का पतन निश्चित है । 

खैर,आज सौभाग्यशाली अवसर पर आप सभी मित्रों को सभी देशज जन को शिक्षक दिवस और गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ  ।
शुभ संध्या मित्रों ~
आनेवाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ।

रविवार, 4 सितंबर 2016

हर हर महादेव -

आज मेरे घर विराजमान हुए भोलेनाथ ।
तीज (हरितालिका व्रत ) हमारी स्थानीय भाषा में 'काजल तीजा' महान धार्मिक पर्व पर आप सभी मित्रों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
उमापति महादेव की जय ।
                   हर हर महादेव ॥
शुभ संध्या मित्रों -
आनेवाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ।

शुक्रवार, 2 सितंबर 2016

सुमन

ये फूल हमें
मुस्कुराने की देते  अदा
घिरे रहते कांटों के बीच
मगर  खिलते रहते सदा
कभी जमी पर रौंदे जाते
कभी  दुल्हन  के जुड़े में  इतराते
कभी  प्रभु माथे शोभा  बड़ाते 
कभी शहिदों की चीता पर
गड़ते गौरव की कथा
मेरे अंगना सदा फूल बरसे
'मनु' मन सुमन-सुमन हो ज़ाये
फूलों  की अदाओ पर
मैं  इतराउ सदा
~~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
०७/०२/२०१६
सुप्रभात मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ...


"मुई", छुईमुई -

'मुई'    थी    पहले      छुईमुई    सी  ।
अब   बन    गईं    है       ज़िन्दादिल ॥

कदम- दर- कदम  यूँ  रफ्तार  बड़ी  ।
धरती  से  उड़   छू   लिया    अम्बर ॥

वक्त    के    थपेड़ों   ने  उसे  बदला  ।
करती चकित अब  करतब दिखाकर ॥

मृगनयनी,  मृगतृष्णा,  मृगमरीचिका ।
कोमलता,  कोमलाॅगी,   प्रियदर्शिनी ॥

नामों   की   खटिया  खड़ी  कर  दी ।
अपने  अभिनव  जलवे   दिखा  कर ॥

सजा-संवार रही   अब सारी दुनिया ।
पुरूषों के कंधों से  कंधा मिला कर ॥

नारी तुम अबला नहीं अब सबला हो ।
आँखों  से आँख मिला परिचय दिया  ॥

दुनिया  से  लोहा  मंगवा  ही   लिया ।
बहु   आयामों  के  जौहर  दिखा कर ॥

"मुई"   छुईमुई   अब  ओजस्वी  हुई ।
घर   के   पर्दे    से   बाहर  आ   कर ॥

हे नारी तुम व्यर्थ नहीं ।
        तुम बिन दुनिया का अर्थ नहीं ॥

      ~~~~~>मनीष गौतम "मनु "
दिनांक ०१/०९/२०१६

बुधवार, 31 अगस्त 2016

न्यू कल्चर -

*लडकी* :
पापा जी...
आपसे एक महत्वपूर्ण
बात करनी है...!

*पिता* :
बोलो बेटा .....?

*लडकी* :
" मैं एक लड़के से
प्यार करती हूँ
और
वह अमेरिका में रहता है ।

*पिता* :
" लेकिन बेटा...
तुम
इससे कहाँ मिली...? "

*लड़की* :
" WEBSITE पर
हमारी जन पहचान हुयी...।

FACEBOOK पर
हम दोनों दोस्त बने...।

SKYPE पर
उसने
मुझे propose किया

और

WHATSAPP पर
हमने दो महीने तक
प्यार की बाते की...!

*पिता* :
" ओह !! Really....?
तो
अब
TWITTER
पर  शादी करलो...!

FLIPKART से
बच्चे  मंगवालो...!

GMAIL से
रिसीव कर लो...!

और

finally
अगर
पति
पसंद नहीं आया तो ...?

OLX पे
बेच डालो !!!!!!!
~~~~~~> संकलित
सुप्रभात मित्रों -
आनेवाला "पल" और "कल" मंगलकारी हो ।

मंगलवार, 30 अगस्त 2016

संदेश -

मंदिर में दाना चुगकर चिड़िया,
               मस्जिद में पानी पीती है
मैंने सुना है राधा की चुनरी
               कोई सलमा बेगम सीती है
एक रफी था महफिल महफिल
                रघुपति राघव गाता था
एक प्रेमचंद बच्चों को
                 ईदगाह सुनाता था
कभी कन्हैया की महिमा गाता
                 रसखान सुनाई देता है
औरों  को दिखते होंगे
                 हिंदू,मुसलमा सिख, ईसाई
मुझे तो हर शख्स के भीतर       
              इंसान दिखाई देता है ॥
.              ~~~~~~> संकलित
सुप्रभात मित्रों -
आनेवाला "पल" और "कल"मंगलमयी हो ।

सोमवार, 29 अगस्त 2016

खट्टा /मिठा -

अमीर ने गरीब से पुछा ।
Kiss करना
मेहनत का काम है या मजा  ?
.
.
.
गरीब ने कहा -

जी साहब ,

जरूर  मजा ही होंगा । वर्ना मेहनत होती तो ये  काम भी आप लोग हमसे ही करवते

सुप्रभात मित्रों -
आनेवाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो

शनिवार, 27 अगस्त 2016

माँ ~

माँ के दर्द  का सचित्र वर्णन

किसी ने  माँ से पुछा-

तेरा हँसता चेहरा उदास क्यूँ है ?
तेरी आँखों में प्यास क्यूँ हैं ?
जिसके पास तेरे लिए वक्त नहीं ?
फिर वही तेरे लिए "खास" क्यूँ  है ?

माँ का  जवाब*****

ओ मेरी आँखो का तारा है
ओ  मेरा राज-दुलारा   है ।

ओ  दुर रहे तो मेरी हँसी मुरझा जाती
ओ पास रहे तो मैँ प्यासी रह जाती ।

उसके पास मेरे लिए वक्त नहीं
यही  सोच कर मेरा दिल उदास है ।

पर वो मेरे बुढ़ापे की 'आश' है
इसीलिए वो मेरा  "खास"  है  ॥
           ~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
दिनांक २८/०८/२०१६

सुप्रभात मित्रों -
आने वाला  "पल" और "कल" मंगलमयी हो ��

मालीया~

मालीया  ने   "माल-लिया"    और    निकल    लिया         

बे  मौसम बारिश ने  किया  सब  कुछ  छिन्न-भिन्न फसलें    हुई   चौपट  किसानों    का  हुआ   बंटाधार   

अपनें    भी  जीवन  में  रंग ही  नहीं  जंग  ही  जंग  है       आय भी  है  कम  एक  कच्चा  घर है जो  बदरंग है    

कूद-कूद कर वानर  सेना  ने  अतंक  मचा दिया        और  घर  की कच्ची  छत का  कचूम्बर  बना दिया 

अब  घर  केअंदर हर  तरफ  पानी ही टपकता   है          मजबूरी  है  कमरे  में छतरी  तान  रहना पड़ता  है  

एक दिन  श्रीमती ने कहाऐसा कब  तक चलेगा             अजी  कच्ची  छत  पक्की  क्यों  नहीं  करवा  लेते        

अरे बैंक से लोन ले  लेकर लोग "मालीया"   हो गये             काश...! तुम  पक्के  घर  के मालिक  ही  बन जाते 

पत्नी के दिये  गये   गणित  को    हमने  हल  किया            और  झट, सवाल  हल  पत्नी  को  आवाज  लगाया          

अरी  सुनती  हो तुम्हारी  बैंकलोन    की  नसीहत            सर- आँखों  पर  जो अपने  लि बहुत ही  कारगर है                          

हम  बैंक जाकर लोन  का  आवेदन  शिघ्र  ही  देते  हैं           कच्ची  छत पक्की करने  सपना पूरा कर ही लेते हैं  

बैंक  पहुँचते   ही  नोटिस    बोर्ड    पर  नजर  टकराई  बोर्ड   पर लिखा  था  अभी  हम खुद  कंगाल   है  भाई 

'मालीया' ने  'माल'  लिया  और  निकल  लिया है           सारे  लाॅकर खाली करके  हमें कंगाल  बना  दिया  है  

अब  वापसी  हेतु 'मालीया'  से अनुनय कर रहे  हैं          पर उसने अनुनय-विनय  को  ठेगा  दिखा  दिया  है 

अपनी चालबाज़ी  से जबरदस्त  चूना लगा  दिया है           जालसाजी  के जाल में  हम  बुरी तरह फंस गयें  है 

अब  क्या  करें  क्या  न  करें कुछ  सुझता ही  नहीं  24घन्टे मालीया  ही दिखता  कोई  काम  होता नहीं  

हाथों  में  हाथ  धरे जब तक हम सड़क  पर  खड़े  हैं       तब  तक सभी  बैंक-लोन संबंधी सभी कार्य  बंद पड़े  है 

प्रिय ग्राहकों  सूचना  पढ़कर आप  निराश  मत होना        ग्राहकों  का  संतोष   ही   हमारा   परम   धन्य  है 

अधीर मत  होना  अपनी  शान्ति  को  बनाये   रखना        शान्ति  के साथ  खाना और शान्ति  के साथ  ही सोना ॥ 

                                   ~~~>मनीष गौतम "मनु" 

दिनांक-28/08/2016

मंगलवार, 23 अगस्त 2016

खरी बात~

न अफसर न उनकी अफसरशाही
न नौकर न नौकरों  की नौकरशाही
न पुलिस का डंडा न कोई हतकंडा
अमीर हो गरीब हो या कोई फकीर
राजा हो रंक हो या कोई भिखारी
जमाने के हर जमात पर-
              नाई का थप्पड़ भारी  ॥

फिर क्यों  अकड़ते हो क्यों  भड़कते हो ?

पानीदार को  पानी मार- मार कर

जोर का झटका धीरे से  लगा कर 

नाई ने पानीदार की सारी अकड़ उतारी

इसीलिए नाई का थप्पड़ सब पर भारी ॥

            ~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

गुरुवार, 18 अगस्त 2016

रक्षा बंधन

Ω रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ Ω

मेहंदी रोली कंगन का सिँगार नही होता'''

रक्षा बँधन भईया दूज का त्योहार नहीं होता''''

रह जाते है वो घर सूने आँगन बन कर''''

जिस घर मे बेटियों का अवतार नहीं होता'''

जन्म देने के लिए माँ चाहिये,
राखी बाँधने के लिए बहन चाहिये,
कहानी सुनाने के लिए दादी चाहिये,
जिद पूरी करने के लिए मौसी चाहिए,
खीर खिलाने के लिए मामी चाहये,
साथ निभाने के लिए पत्नी चाहिये,
पर यह सभी रिश्ते निभाने के लिए

बेटियां तो जिन्दा रहनी चाहये

घर आने पर दौड़ कर जो पास आये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

थक जाने पर प्यार से जो माथा सहलाए,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

"कल दिला देंगे" कहने पर जो मान जाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

हर रोज़ समय पर दवा की जो याद दिलाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

घर को मन से फूल सा जो सजाये, उसे कहते हैं बिटिया ।।

सहते हुए भी अपने दुख जो छुपा जाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

दूर जाने पर जो बहुत रुलाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

पति की होकर भी पिता को जो ना भूल पाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

मीलों दूर होकर भी पास होने का जो एहसास दिलाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

"अनमोल हीरा" जो कहलाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

अगर आप भी अपनी बेटी को प्यार करते हैं तो आप इसे अपने दोस्तों को अवश्य शेयर करें .

रक्षाबंधन की शुभकामनाये देश की सभी गौरव शाली बिटिया व उनके भाग्यशाली पापा और मम्मी  को जिन्होंने कम से कम एक बिटिया को दो कुल की रक्षा के लिए जन्म दिया ॥
.~~~~~~~~~~~~~~ जय हो

सोमवार, 15 अगस्त 2016

तुकड़े

मित्रों, ईश्वर "टूटी" हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है ..,, जैसे .... बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ...... मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है.... फल के टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है ..... और बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है .... इसीलिये जब आप ख़ुद को टूटा हुआ महसूस करे तो समझ लिजिये ईश्वर आपका इस्तेमाल किसी बड़ी उपयोगिता के लिये करना चाहता है ।
इसीलिए सदैव प्रसन्न रहें और हँसते रहें
          
सुप्रभात मित्रों आने वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो ।

रविवार, 14 अगस्त 2016

अमर शहीदों को शत शत नमन

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अमर शहीदों को शत-शत नमन एवं सभी देशवासियों को आत्मिक हार्दिक बधाई ॥

चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वह कौन सा देश
जहां तुम चले गए,  जहां तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस,जाने वह कौन सा देश जहां तुम चले गए, जहां तुम चले गए ॥

चिट्ठी न कोई संदेश.......

एक आह भरी होगी,  हमने ना सुनी होगी
जाते जाते तुमने,  आवाज तो दी ही होगी
हर वक्त यही है ग़म,उस वक्त कहां थे हम
कहां तुम चले गए, कहां तुम चल गये ॥

चिठ्ठी न कोई संदेश......

हर चीज़ पे अश्कों से, लिखा है तुम्हारा नाम
ये  रस्ते घर गलियां,तुम्हें कर न सके सलाम हाय दिल में रह गई बात,जल्दी से छुड़ा कर हाथ कहां तुम चले गए,कहां तुम चले गए ॥

चिट्ठी न कोई संदेश......

अब यादों के कांट, इस दिल में चुभते हैं
ना दर्द ठहरता है,ना आंसू रुकते हैं
तुम्हें ढूंढ रहा है प्यार हम कैसे करें इकरार
की हाँ तुम चले गए,की हाँ तुम चले गए ॥

चिट्ठी न कोई संदेश.....॥

भारत माता की जय
~~~~~~~~ Ω जय हिन्द Ω

शनिवार, 13 अगस्त 2016

राष्ट्रगान ~

सूप्रभात मित्रों  ।
जानिए क्या है जन गण मन...का मतलब..
शब्द =अंग्रेजी अर्थ= हिंदी पर्यायवाची

जन= People= लोग
गण= Group= समूह
मन= Mind = दिमाग
अधिनायक= Leader= नेता
जय हे= Victory= जीत
भारत= India= भारत
भाग्य= Destiny= किस्मत
जय हे= Victory= जीत
भारत= India= भारत
भाग्य= Destiny= किस्मत
विधाता= Disposer= ऊपरवाला
पंजाब= Punjab= पंजाब
सिंधु= Sindhu =सिंधु
गुजरात= Gujarat= गुजरात
मराठा= Maratha= मराठा (महाराष्ट्र)
द्रविण= South= दक्षिण
उत्कल= Orissa= उड़िसा
बंगा= Bengal= बंगाल
विंध्य= Vindhyas= विन्धयाचल
हिमाचल= Himalay= हिमालय
यमुना= Yamuna = यमुना
गंगा= Ganges = गंगा
उच्छलय= Moving= गतिमान
जलधि= Ocean = समुद्र
तरंगा= Waves = लहरें ( धाराएं)
तब = Your = तुम्हारा
शुभ = Auspicious = मंगल
नामे = name = नाम
जागे= Awaken = जागो
तब = Your = तुम्हारा
शुभ = Auspicious = मंगल
आशीष= Blessings = आशीर्वाद
मांगे = Ask = पूछो
गाहे = Gaahe = गाओ
तब = Your = तुम्हारी
जय = Victory = जीत
गाथा = Song = गीत
जन = People = लोग
गण = Group = समूह
मंगल = Fortune = भाग्य
दायक = Giver = दाता
जय हे = Victory Be = जीत
भारत = India = हिंदुस्तान
भाग्य = Destiny = किस्मत
विधाता = Dispenser= ऊपरवाला
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे.= Victory,
Victory, Victory, Victory Forever =
विजय, विजय, विजय, विजय हमेशा के लिए ...
जय हिंद = JAIHIND.

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

पहचान -

खरा खरा  मगर उम्दा  कथन ��

मित्रवर व्यक्ति की पहचान कपडों से नहीं उसके व्यक्तित्व से उसके महान बनने के गुणों से की जाती है ।

खैर भाई मैं खुद मोदी जी का घोर विरोधी हूँ ��! क्या जरुरत है गरीबों को सम्मान देने की, कहावत है कि  दोस्ती बराबर वालों के साथ करना चाहिए ।और  मोदी जी है की हर काम उल्टा ही किये जा रहें है  ।

अब देखो देश में , खास व्यक्ति कोई  सिद्धि पा ले तो मिडिया पर छा जाता है । प्रसिद्धि पा लेता है । मगर गली कुचे में रहने वालों की क्या बिसात की वह सिद्धिं पा लेने के बाद भी । प्रसिद्धि पाने या कोई बड़ा सम्मान पाने का हकदार हो ?पिछले साठ  सालों का इस मामले में कोई  खास इतिहास नहीं नजर आता ।

तब मोदी  जी को क्यों पड़ी है की वो  "दीया  ले ले कर गली-कूचे में ढूंढ ढूंढ कर लोगो को सम्मानित करें । "देश में  कमजोर गरीबों को बराबरी का दर्जा मिले उन्हें  सम्मान मिले  भई मेरी तरह कुछ लोगों  को  बेहद जलन हो रही होंगी ?

लगता है अब मोदी जी सूट- बूट पहनने के बाद भी अपनी हैसीयत, अपनी औकात , अपने कर्तव्य अभी भी  नहीं भुले हैं ।

ऐसा प्रधानमंत्री जो कुर्सी की बजाए लोगों के दिलों में राज करता हो । उसे  पछाड़ने "लोहे के चने चबाना पड़ेगा"
भारत माता की जय ��वन्देमातरम् 

शुक्रवार, 25 मार्च 2016

आह्वान-

ये  हुँ’कार साकार होना चाहिए...!
बिखरों  को आकार लेना चाहिए ...!
.
अब अभिनव सवेरा होना चाहिए...!
.लेकिन ये सब करे कौन  ....?
.
हे...! 'जना'...! तूझे ही कहते हैँ
"जनता-जनार्धन". .!
.
अब नियति  का है आह्वान :-
तू 'नरसिँह' बन,
.
तेरे  ही हाथों  पापीयो का
"नरसंहार" होना चाहिए...!
.
ये हुँ’कार  साकार होना चाहिए..!
अब अभिनव सवेरा होना चाहिए...!!
.
***!!जय हिन्द भारत माता  की जय !!***
.             
                ~~~>मनीष गौतम 'मनु'
सुप्रभात मित्रों-
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी  हो