सुन्दर सुजल सरल नयन,
बचपन की अटखेलियां
मन को करे  मगन
बढ़ता बचपन जवानी को 
बाला से बन जाती नारीयां
नारायणी रुपेण नारी
माँ-बहन-पत्नी  बनती नारीयां 
रिश्तों की "सेतु" और धूरी
अब भ्रूण हत्या पर वारीयां
सृष्ठी बचेगी अब कब तक 
जब होगीं ही नहीं नारीयां.....!!!!
भ्रूण हत्या बंद करो \\!//नारी का सम्मान करो
.               ~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
सुप्रभात मित्रों 
आनें वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो.....!!!
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