गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

आयें थोड़ा सा मुस्कुराऐं.. ...

लों..? हराम  जादा .कमिना .. कुत्ता  फिर आ गया..??

अरी......सुन.......ढब्बू की महतारी..!!

मेरी कविता सुन कर तुम्हें कैसा लगा..?

नेता जी ने अपनी श्रीमती से पुछा.!
श्रीमती जी ने उत्तर दिया-

जी, चार बार आप आये हो कविता
की पंक्तियो में ! एक बार मैं .......!!

------->> मनीष कुमार गौतम "मनु"

सुप्रभात मित्रों
आने वाला पल और कल मंगलमय हो...

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