जी प्यार किसी रिश्ते जैसे -
माता- पिता ,भाई-बहन, पति- पत्नी, सभी प्रकार के नातेदार- रिश्तेदार और अंत में सबसे प्रमुख " प्रेमी- प्रेमिका" |
इन सभी रिश्तों के प्रति ---
दिल-दिमाग में "चाहत" की खलबली मचा देनें वाली एक "भावना या संवेदना हैं | "
जिसे हम प्यार कहतें हैं | जिसे हम रिश्तों के अनुरूप अलग-अलग तरिकों से व्यक्त करतें है |
जैसे -पैर छू कर /सर झुकाकर /सम्मान पूर्वक बोल कर /हँस कर /मुस्कुराकर/ छू कर/सिनें से लगाकर/ बाँहों में भर कर /आँखों में आँखे डालकर/ सहला कर / पुचकार कर/ चूमकर/ लिपटकर/ सज-सँवरकर/ व्यवहार कर / नाच कर / गा कर / लचककर-झटककर-मटककर /खुशी और गम के आँशु बहाकर/राम-राम,नमन ,प्रणाम या नमस्कार कह कर/ शुक्रिया अदा कर/मिठी-मिठी बातें कर/ जोर जोर से या मंदमंद मुस्कुराकर आदि आदि || तरिकों से हम अपनी संवेदना और भावना व्यक्त करते हैं | जिसे हम प्यार कहते हैं |
इन सभी प्यार के प्रकारों में --चूमना/ पुचकारना /सहलाना/ मिठी- मिठी बातें करना / लचकना- झटकना - मटकना/ सजना -सँवरना / बाँहों में बाँहें डालना / लिपटना || ...
प्रेमि- प्रेमिका के बिच ज्यादा दिखाई देता है ||
I am Right Brother.?
… ~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
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