रविवार, 31 जनवरी 2016

_/\_/\_ईश्वर प्रेम_/\_/\_
सच कहे मित्रों ईश्वर प्रेम का भूखा है | आस्था के विभिन्न तरिके हो सकते  हैं | मैं समझता हूँ हमारे पड़ोसी, हमारे परिचित , हमारा परिवार भूखा व किसी परेशानी में हो । इनसे दु:ख-सुख में । सामाजिक प्रेम और व्यौहार  करना  ही  ईश्वरीय पूजा है ॥
जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम
सुप्रभात मित्रों ..
आने वाला " पल" और "कल" मंगलमयी हो .....|

शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

बच्चे

बच्चे बड़े  नटखट होते  बड़े जिद्दी  होतें
पर मन के सच्चे होते देश के भविष्य होते
अपनी तोतली भाषा से सबके मन को हरते
आंसू बहाकर अपनी सारी जिद्द पुरी करते
खुले आसमान में आजाद पंछियों की तरह
रात-दिन इधर-उधर उछल कदंमी करते
भूख-प्यास से बेसुध अपने में मगन  रहते
ये कोमल मन आधारहीन दिशाहीन होते
इन्हें मार्गदर्शन और अच्छी पढ़ाई मिले तो
आसमान छुने की काबिलियत भी रखते
अपनी संस्कृति-सभ्यताओं से परिचित कर 
इन्हें  पाश्चात सभ्यता से भी  हमें बचाना है
ये बड़े ही नकलची और नौटंकीबाज होते
बच्चे मन के सच्चे होते बच्चे मन के सच्चे होते.!!
            ~~~~> मनीष कुमार गौतम "मनु"

~*~शुभ संध्या ~*~ मित्रों~*~

आनें वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो.....!!!

बुधवार, 27 जनवरी 2016

चिंतन - मनन

पढ़- लिख कर तैयार हो गया बंदा ।
अब हाथों चाहिए  कुछ काम धंधा ॥

एक नौजवान
झगड़ रहा है | अपनें माता-पिता से शायद उसके माता- पिता नें कोई अपराध किया हो वह कह रहा है | मुझे जन्म ही क्यों दिया ? अगर दिया तो नौजवाँ ही क्यों किया ? गलादबा देना था पैदा होते ही ?

वह नौजवान अपनी सारी मर्यादा लांध चिल्ला- चिल्ला कर गालीयाँ दे रहा है ! उसने अपनें कमरे से अहिंसा वादी गांधी जी की किताब, कार्ल मार्क्स की किताब, अर्थशास्त्र , समाज शास्त्र, राजनैतिक शास्त्र न जानें कितनें और शास्त्र की किताबें और प्रमाण पत्र, कुछ कागज जो अब उसके लिए निरर्थक हैं | बाहर निकाल लाया जो अब जलने जा रहे हैं |

तमतमाये चेहरे और लरजते हाथों से उसने आग लगा दी | दहकती लपटों में सारे सिद्धान्त जलते देख वह प्रसन्न है | जो इसे भद्र मनुष्य बनाने की शिक्षा देते हैं क्योंकि वो शिक्षा है | ऐसी शिक्षा जिसके बल पर वह अपना और अपनें परिवार के लिए दो वक्त की रोटी न ला सके | क्योंकि वह अब पढ़ा-लिखा बेरोजगार है |

अब प्रश्न कि पढ़ा-लिखा कर उसके माता-पिता ने आपराध किया है या आज की शिक्षा नीति को और प्रक्रियाओं को बदलनें की आवश्यकता है |

फंडा की - हमें ऐसी शिक्षा लेनी चाहीए जिसमें डिग्री भले न हो पर खुद का व्यवसाय करनें का ज्ञान हो |
~~~~~~>मनीष गौतम "मनु"
शुभ संध्या * मित्रों
आनें वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो...

शनिवार, 23 जनवरी 2016

सावधान

सुन्दर सुजल सरल नयन
बचपन की अटखेलियां
बढ़ता बचपन जवानी को
बाला से बन जाती नारीयां
नारायणी रुपेण नारी
माँ-बहन-पत्नी बनती नारीयां
रिश्तों की "सेतु" और धूरी
अब भ्रूण हत्या पर वारीयां
सृष्टी बचेगी अब कब तक
जब होगीं ही नहीं नारीयां.....!!!!
भ्रूण हत्या बंद करो \\!//नारी का सम्मान करो.           ~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

शुभ संध्या मित्रों 

आने वाला "पल"और "कल" मंगलमयी हो......

मंगलवार, 19 जनवरी 2016

झरना

ये शीतल  झरना तुम सदैव बहते रहना
                                                                                        

              सब के मन को मोहित करते रहना  ....

राग, द्वेष, मदलोभ में  लिप्त मेरे मन को  

हर कर सुन्दर,सरल,सद्गुणी कर देना 

            ये शीतल झरना तुम सदैव बहते रहना ........

 सभी  क्रूर ,दयाहीन निर्मम मन मे 

पवित्र स्नेह का श़ीतलजल भर देना 

              ये शीतल झरना तुम सदैव बहते रहना ........

दीन-दुखी,अधीर,अनाथों के मन 

धीरजता का बहाव बनाए रखना 

             ये शीतल झरना तुम सदैव बहते रहना ......

अभ्यारण्य,उजड़ी मरूभूमि को 

 सींच-सींच  हरी -भरी कर देना

ये शीतल झरना  तुम सदैव बहते रहना

                 सबके मन को मोहित करतें रहना ........॥
              

                         ~~~~~> मनीष गौतम  "मनु"

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

सुप्रभात -शुभप्रभात

सुबह का निकाला तारा  ।
.             आसमान में प्यारा-प्यारा ॥

मित्रों  इस नई सुबह में ।
.              हम  कुछ  ऐसा  कर लें  ॥

 गर दुःख भी हो तो दु:ख में भी  ।
.             खुशी के कुछ ही पल ढ़ूंढ़ लें ॥

आज आपका दिवस मंगलमय हो........।

गुरुवार, 14 जनवरी 2016

उल्लास

तिल हैं हम गुड़ हैं आप ।
.       मिठाई हैं हम मिठास हैं आप ॥
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर ।
.       आपको खुशीयाँ मिलें अपार ॥

मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आप सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएँ ।