रविवार, 26 अप्रैल 2015

संवेदना.

दु:खद संध्या मित्रों..|
भारत-नेपाल में प्रकृतिक विपदा नें जन-धन
की हानि के साथ एक डर भी पैदा किया है |

ईश्वर से प्रर्थना की -उन सभी डरी/ सहमी /असहाय /जनता  की- रक्षा करे ! उन्हें इस
दु:खद  घड़ी  से  शिघ्र उबारे ...!
हे....!  ईश्वर... !!
आनें वाला  "पल" और "कल" मंगलमय हो...
़                                     !! ऊँ शान्ति ऊँ !!

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