मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

मौसम बेदर्दी हो गया........!!

हे इन्द्र देव रहम कीजिए.....

मौसम बे दर्दी हो गया बेमौसम बरसात  ने की
फसले  चौपट किसानों का तो बेड़गर्ग हो गया

अब  अपना  भी हाल-ऐ- दिल कुछ ऐसा की      
ऑखे  हुई अधिर  , मन "मयुर लंगड़ा" हो गया 

टल रही  है 'नई '  मुलाकात लगातार" उनसे " 
सारे सपनें भिगों गया अब बदन में  सिर्फ है

सिरहन  ठण्ड की  "उनके" बिना  मै  भी 
किसान की  तरह  अब  "झण्ड"  हो गया...!!

                           ~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

सुप्रभात मित्रों आने वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो ......

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