लों..? हरामजादा...कमिना...कुत्ता, फिर आ गया..?
अरी......सुन......ढब्बू की महतारी..!!
मेरी कविता सुन कर तुम्हें कैसा लगा...
नेता जी ने अपनी श्रीमती से पुछा...
श्रीमती जी ने उत्तर दिया-
जी, "चार बार" आप आये हैं कविता
की पंक्तियो में ! एक बार मैं .......!
------->> मनीष कुमार गौतम "मनु"
सुप्रभात मित्रों
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो....
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