इतनी जल्दी कहाँ नींद मुझे आती है !
मैं जागता रहता हूँ और रात सो जाती है !
सुबह होते ही मैं फिर भटकने लगता हूँ !
ना दिन को चैन ना रात को सो सकता हूँ !
. और~
आपकी चाहत भी बार-बार ये कहते जाती है.!
रात बाकी है.........! अभी बात बाकी है .......!
मैं चैतन्य हूँ ! मगर आपके लिए_
. ||शुभ रात्रि ||
. ~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
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