पवन तनय संकट हरण,मंगल मूरति रूप ! राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुरभूप॥
लाल देह लाली लसे, अरूधर लाल लंगुर । ब्रज देह दानव दलन , जय जय कपीसुर।।
_________ जय जय जय बजरंग बली। सुप्रभात मित्रों- आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो...
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