शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

सुमन दिवस_

ये फूल

 मुस्कुराने की देते हमें अदा
घिरे रहते कांटों के बीच
मगर खिलते रहते सदा
कभी जमी पर रौंदे जाते
कभी दुल्हन के जुड़े में इतराते
कभी प्रभु माथे शोभा बड़ाते 
कभी शहिदों की चीता पर
गड़ते  गौरव की कथा
मेरे अंगना सदा फूल बरसे
"मनु" मन सुमन सुमन हो ज़ाये
और फलों की अदाओ पर
मैं  इतराऊँ सदा
~~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
७/०२/२०१६

शुभ संध्या मित्रों 

आने वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो......

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