जय...गोवर्धन गिरधारी...हे...बांके बिहारी...!!
गउऐं चरावैं, छुप के माखन चुरावैं ,भोली सी,
मुस्कान पे, माँ यशोदा क्रोध को बिसारी..!
जय...गोवर्धन गिरधारी...हे....बांके बिहारी...!!
नटखट हैँ नंदलाला, सबको मोहित कर डाला,
बंशी की तान पे, गोपियाँ अपना दिल हारी..!
जय...गोवर्धन गिरधारी...हे...बांके बिहारी...!!
श्याम रंग वाला सबके, अखीयों का प्यारा,
जमुना के तट पर, रात-दिन की किलकारी...!
जय...गोवर्धन गिरधारी...हे...बाँके बिहारी...!!
------->> मनीष कुमार गौतम 'मनु'
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