मुस्कुरानें की वजह तुम हो.......भई मुस्कुराने की वजह हो न हो हम मुस्कुराते रहें क्योंकि मुस्कुराने के कई फायदें  हैं और अंदाज भी जैसे-      
मंदमंद /मुस्कान,खिलखिलाहट भरी/ मुस्कान 
जलीली- कटीली/मुस्कान, नाकचड़ी/मुस्कान 
मदमस्त.  /  मुस्कान ,   हरफनमौला/  मुस्कान
नजर चुराई  / मुस्कान ,    दिलफेक /   मुस्कान    
दिल पर लगी/मुस्कान, बिनावजह के/ मुस्कान
क्रोधभरी/ मुस्कान,  किलकारी  भरी/ मुस्कान
चिड़चिड़ी  / मुस्कान ,  मायुसी   भरी /मुस्कान
रौब भरी  /मुस्कान ,   घबराहट   भरी /मुस्कान
हीनता भरी / मुस्कान,  दीनता भरी /   मुस्कान
दर्द भरी /   मुस्कान,   आन्नदमयी    /  मुस्कान        
इन्तजार रूपि/मुस्कान, मिलन रूपि /  मुस्कान
स्वागत  की / मुस्कान  ,बिदाई की   /   मस्कान
प्रेमी  और  प्रेमिका  की     प्रेम रूपि   / मुस्कान  
पति और  पत्नी  के बिच   निवारण  /   मुस्कान  
आदि आदि मुस्कानें........!!!
सभी मुस्कानों के अपने "कायदे और फायदें" हैं जिनका उपयोग परिस्थितियों के अनुसार किया जाता है ! कहते हैं- "हँसते- हँसते कट जाते हैं जिवन के रस्ते..!" और- "मुस्कुरानें की अदा कर देती फिदा....!" जब. किसी राह में आँखे- "दो" से-हो जातीं हैं "चार " तो होता है व्यवहार होती हैं बातें ,बढ़ती हैं चाहतें , शुरू होता मुलाकातों का सिलसिला बारम्बार और प्यारभरी मुस्कानों के साथ हो जाता है; प्यार प्यार प्यार और प्यार ...! है...! न..!! कमाल !! मुस्कुरानें का..!!!
खैर , जिवन सफर में मिलते हैं ! कई घाट/कई/हाट/ कहीं/ खाई /कहीं/ मोड़ , लेकिन " कल" और "काल" को किसनें जाना है हमें तो-हँसते-मुस्कुराते हुऐ बस यही गाना .......गाना........ है.....की.............
जिन्दगी एक सफर है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसनें जाना....! पर.. . तु ...! हँसते... ..गाते .. ..मुस्कुराते ... हुये.....जाना!!!!!!!!!!!!!!
                    ~~~~~>मनीष गौतम " मनु"
२७/०३/२०१५..
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