सोमवार, 16 मार्च 2015

शुभ संध्या

सुरमई है शाम, और.........

हमतुम-हमतुम..क्यों हैं गुमसुम-गुमसुम..?

आओ सुख-दु:ख की दो चार बातें करें मित्रा-

सुन-सुन-सुन.....सुन -सुन-सुन...!!!
(`'•.¸(`'•.¸ ¸.•'´)(`'•.¸ ¸.•'´) ¸.•'´)
«`'•~=~शुभ संध्या मित्रवर ¸~=~.•'´»
आने वाला कल हम सब के लिए गुलजार
हो.....

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