रविवार, 22 मार्च 2015

_/\_!*!*सुप्रभात *!*!_/\_

          फूलों  की तरह खिलते रहो तुम ..!!

बड़े अच्छे लगते हैं ये धरती ये नदीयां और तुम.!!!

      सादर नमन ..सादर नमन..सादर नमन..!!

आने वाला "पल" और " कल"  गुलजार हो........

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