जानते सब है ! फिर भी सवाल क्यो...?
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मेरे विचार से** फेस बुक एक ऐसा मंच है | 
जिसके माध्यम से हम अपनें विचार,अपनी भावना,अपनी कला किसी चित्र के मध्यम से 
या लिख कर सारी दुनियाँ को दिखा सकते हैं , बता सकते हैं  |
हम नये-नये मित्र बना सकते है | अन्य मित्रों के
पोस्ट पढ़ कर उनके विचार और उनकी भेजी गई जानकारीयों से हम परिचित हो सकते हैं  | 
इस तरह फेसबुक कई "बुराईयो और अच्छाईयो"
 की एक "खुली पाठशाला है |" जिसके हम ही "शिक्षक और हम ही छात्र हैं |"
 इसीलिए हम पर  ही निर्भर करता है की हम
 क्या पढ़ें…?  या  क्या पढ़ाऐ…?
आजकल फेसबुक में जो अश्लिलता आई है | उससे हम दूर रहें | "कर भला तो हो भला" … "कर बुरा तो हो बुरा..|"
फेसबुक एक परिवार है .....! आचार-विचार, व्यवहार, सुचना, दु:ख-दर्द, खुशीयाँ, बाँटने का घर-संसार है ..! दुश्कर्मोँ से दुर रहे हम..! फेसबुक को अपना खुद का परिवार समझें हम..!
भाई बातें तो बहुत हैं •पर आप बोर हो जावोगे  मेरी बक-बक पढ़कर…? वैसे  इतना पढ़ने के लिए धन्यवाद और नमस्कार  |
 
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
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