बुधवार, 13 मई 2015

शुभकामनाएँ ~

उजाले के आगे भला अँधेरा कब ठहर पाया है..!
ज्ञान ने मानव को सदा बलवंत बनाया है ..!

मगर सभी बातें धरी रह जाती है..!
जब  पेट में रोटी न हो..!  तो क्या करें ...?

बिना काम के रोटी भी नही मिलती..! 
आओ कोई काम तलाशें मेरे  बेरोजगार मित्रो..!

नई आशाओं का सूरज फिर  निकल आया है..!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

(((((((((( सु-प्रभात  मित्रों)))))))))
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो …

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