उजाले के आगे भला अँधेरा कब ठहर पाया है..!
ज्ञान ने मानव को सदा बलवंत बनाया है ..! 
मगर सभी बातें धरी रह जाती है..! 
जब  पेट में रोटी न हो..!  तो क्या करें ...?
बिना काम के रोटी भी नही मिलती..!  
आओ कोई काम तलाशें मेरे  बेरोजगार मित्रो..! 
नई आशाओं का सूरज फिर  निकल आया है..!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
(((((((((( सु-प्रभात  मित्रों)))))))))
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो …
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