रविवार, 3 मई 2015

सुप्रभात_


भोर हुई कब की मुर्गे ने भी बाँग लगाई..!
सुरज की लालीमा छाई आँसमा पर..!
मित्रो अब तो छोड़ो रजाई......!!

(((((((((( सु-प्रभात )))))))))
******मित्रवर********
आनें वाला "पल"  और  "कल" मंगलमय हो._

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