भोर हुई कब की मुर्गे ने भी बाँग लगाई..! सुरज की लालीमा छाई आँसमा पर..! मित्रो अब तो छोड़ो रजाई......!!
(((((((((( सु-प्रभात ))))))))) ******मित्रवर******** आनें वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो._
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