मंगलवार, 23 अगस्त 2016

खरी बात~

न अफसर न उनकी अफसरशाही
न नौकर न नौकरों  की नौकरशाही
न पुलिस का डंडा न कोई हतकंडा
अमीर हो गरीब हो या कोई फकीर
राजा हो रंक हो या कोई भिखारी
जमाने के हर जमात पर-
              नाई का थप्पड़ भारी  ॥

फिर क्यों  अकड़ते हो क्यों  भड़कते हो ?

पानीदार को  पानी मार- मार कर

जोर का झटका धीरे से  लगा कर 

नाई ने पानीदार की सारी अकड़ उतारी

इसीलिए नाई का थप्पड़ सब पर भारी ॥

            ~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

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