गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागू पाय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय ॥
मित्रों संयोग से शिक्षक दिवस और गणेशचतुर्थी । का महान पर्व आज एक ही दिन आया है । मित्रों दोनों पर्वो के विषय में हम कुछ खास -खास बातें जानते ही है ।
आईये हम दोनों पर्व की बतायीं गई भावनाओं को आत्मसात करें और अपने और अपने परिवार के साथ संस्कृति और देश-समाज का भविष्य उज्जवल करने अपना योगदान देवें ।
क्योंकि हमसे मिलकर समाज बना है ।मगर हम जिन्दा है समाज के सहारे यदि हमें जिन्दा रहना है तो हमें समाज को जिन्दा रखना होंगा वर्ना । मनुष्यों का पतन निश्चित है ।
खैर,आज सौभाग्यशाली अवसर पर आप सभी मित्रों को सभी देशज जन को शिक्षक दिवस और गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
शुभ संध्या मित्रों ~
आनेवाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ।
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