शुक्रवार, 25 मार्च 2016

आह्वान-

ये  हुँ’कार साकार होना चाहिए...!
बिखरों  को आकार लेना चाहिए ...!
.
अब अभिनव सवेरा होना चाहिए...!
.लेकिन ये सब करे कौन  ....?
.
हे...! 'जना'...! तूझे ही कहते हैँ
"जनता-जनार्धन". .!
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अब नियति  का है आह्वान :-
तू 'नरसिँह' बन,
.
तेरे  ही हाथों  पापीयो का
"नरसंहार" होना चाहिए...!
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ये हुँ’कार  साकार होना चाहिए..!
अब अभिनव सवेरा होना चाहिए...!!
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***!!जय हिन्द भारत माता  की जय !!***
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                ~~~>मनीष गौतम 'मनु'
सुप्रभात मित्रों-
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी  हो

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