नमन*नमन*नमन
इस धरती से उस नीले अम्बर तक
आंगन से बागों की फुलवारी तक
खेतों की लहलहाती हरियाली तक
बुड़ों से बच्चो की किलकारी तक
मंदिर से मस्जिद की मीनारों तक
रिश्तेदारों की प्यारी रिश्तेदारी तक
दुनियाँ की सारी दुनियादारी तक
सभी धर्मों के धर्माधिकारी तक
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
रहे ;~
Ω अमन Ω चमन Ω अमन Ω चमन Ω
~~~~>मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक -०८/०९/२०१६
सुप्रभात मित्रों -
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो ।
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