शनिवार, 23 जनवरी 2016

सावधान

सुन्दर सुजल सरल नयन
बचपन की अटखेलियां
बढ़ता बचपन जवानी को
बाला से बन जाती नारीयां
नारायणी रुपेण नारी
माँ-बहन-पत्नी बनती नारीयां
रिश्तों की "सेतु" और धूरी
अब भ्रूण हत्या पर वारीयां
सृष्टी बचेगी अब कब तक
जब होगीं ही नहीं नारीयां.....!!!!
भ्रूण हत्या बंद करो \\!//नारी का सम्मान करो.           ~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

शुभ संध्या मित्रों 

आने वाला "पल"और "कल" मंगलमयी हो......

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