इस.  जहान.  में तो  बस इक माँ  ही तो  महान  है....!
अपने बच्चो के   प्रति,  उसके  असाधारण  करतब
को देख...! यहाँ हर एक दिल हैरान है..! माँ शब्दमें है "आ".....!! इस इस शब्द में भी तो प्राणहै..!प्राण है तो
जहान, वर्ना सुनी -सुनी शान है....! माँ के ऋण से हम कभी उऋण नहीं हो सकते...! माँ को बस बारम्बार
साष्टाँग दण्डवत प्रणाम है....!!
                    ------->  मनीष कुमार गौतम 'मनु'
आज मातृत्व दिवस पर आप सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ……
((((((((((* शुभ संध्या *)))))))))
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो......... .
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें